मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना
प्रदेश के पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुये उनके अमूल्य
पशुधन का बीमा कर पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा/आर्थिक सुदृढ़िकरण प्रदान करने के
दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा की गई
बजट घोषणा (बिन्दु संख्या-132) ‘‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा
योजना‘‘ अनुसार प्रदेश में प्रथमतः 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़/बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वंषीय पशु (ऊंट) का
बीमा करते हुये बीमा कवरेज प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना में 400 करोड रूपये का व्यय होगा।
पात्रता
- योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त किये जाने हेतु राजस्थान राज्य के समस्त
जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होगें तथा इन पशुपालको द्वारा बीमा विभाग से
प्रदत वेबसाइट में योजना लाभ हेतु आवेदन किया जायेगा तथा लॉटरी लॉटरी द्वारा
चयनित पशुपालको के पशु का निःशुल्क बीमा किया जायेगा।
- योजनान्तर्गत राज्य के समस्त गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक, समस्त लखपती दीदी
पशुपालकों को प्रथम प्राथमिकता से लाभान्वित किया जायेंगा।
- योजनान्तर्गत पशुपालक बीमा हेतु केवल टैग्ड पशु का ही पंजिकरण करवा
सकेगा। जिन पशुपालको के पशुओं की टैंगिग नही है वे अपने पशुओं के टैंग लगवाये
जाने के उपरान्त ही पंजीकरण करवा सकेगें।
- राज्य के गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक, समस्त लखपती दीदी
पशुपालकों तथा लॉटरी द्वारा चयनित जनआधार कार्ड धारक पशुपालक के अधिकतम 02 दुधारू गाय/02 दुधारू भैंस/01 दुधारू गाय एवं 01 दुधारू भैंस/10 बकरी/10 भेड/01 उष्ट्र वंश पशु का
निःशुल्क बीमा किया जायेगा।
- इस योजनान्तर्गत उन्हीं पशुओं का बीमा करवाया जायेगा जिसका किसी अन्य पशु बीमा योजनान्तर्गत बीमा नही किया गया हो।
- बजट घोषणा अनुसार
प्रथमतः 21 लाख पषुओं का बीमा किया जाना है। भेड़ एवं बकरी की एक कैटल यूनिट में 10 पशु तथा दुधारू
गाय/भैंस एवं ऊँट के संदर्भ में एक कैटल यूनिट में 01 पशु माना जायेगा।
यदि किसी पशुपालक के पास 10
से कम भेड़/बकरी है तो ऐसी स्थिति में एक कैटल
यूनिट में पशु संख्या की पात्रता कम की जाकर पशुपालक के पास उपलब्ध भेड़/बकरी
का बीमा किया जा सकेगा।
- जिलों को उनके पशुओं की संख्या के आधार/अनुपात में बीमा के लक्ष्य
निर्धारित किये गये है ताकि सम्पूर्ण प्रदेश के पषुपालकों को समानुपातिक
व्यवस्था के तहत लाभ प्राप्त हो सके। किन्हीं परिस्थितियों में जिलें को
आंवटित लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में प्रत्येक तिमाही पर इसकी
समीक्षा कर अन्य जिलों को आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। निर्धारित जिलेवार
लक्ष्यों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पशुपालको हेतु क्रमशः 16 प्रतिशत तथा 12 प्रतिशत बीमा
लक्ष्य आरक्षित रखे जायेगें। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पशुपालको के
नही होने पर अन्य श्रेणी के पशुपालकों को लाभान्वित किया जायेगा।
- पशु की कीमत का मूल्यांकन पशु के स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन
क्षमता, आयु, ब्यात् व नस्ल आदि के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य अनुसार पशु
चिकित्सक, पशुपालक एवं बीमा प्रतिनिधि द्वारा आपसी सहमति से किया जावेगा तदापि
बीमा के लिये 1 कैटल यूनिट पशु की अधिकतम कीमत 40,000/-
रूपये ही होगी।
‘‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना‘‘ के अन्तर्गत पशुपालकों के देशी/संकर दूध देने वाले पशु यथा-गाय एवं भैंस, भारवाहक पशु-ऊँट/ऊँटनी एवं अन्य छोटे रोमन्थी पशु जैसे बकरी व भेड़ का ‘‘एक वर्ष‘‘ के लिये निःशुल्क बीमा किया जाना प्रस्तावित है।
पशु की
उम्र का निर्धारण
क्र.स. |
पशु का प्रकार |
बीमा हेतु पशु की
उम्र |
1 |
गाय (दुधारू) |
3 वर्ष से 12 वर्ष |
2 |
भैस (दुधारू) |
4 वर्ष से 12 वर्ष |
3 |
बकरी (मादा) |
1 वर्ष से 6 वर्ष |
4 |
भेड़ (मादा) |
1 वर्ष से 6 वर्ष |
5 |
ऊंट (नर एवं मादा) |
2 वर्ष से 15 वर्ष |
कीमत का
निर्धारण
क्र.स. |
पशु का प्रकार |
बीमा हेतु पशु का मूल्य निर्धारण हेतु मानक |
1 |
गाय (दुधारू) |
रू 3000 प्रति लीटर प्रति दिन
के आधार पर न्यूनतम कीमत का निर्धारण किया जावेगा, अधिकतम राशि 40,000/- प्रति पशु |
2 |
भैस (दुधारू) |
रू 4000 प्रति लीटर प्रति दिन
के आधार पर न्यूनतम कीमत का निर्धारण किया जावेगा, अधिकतम राशि 40,000/- प्रति पशु |
3 |
बकरी (मादा) |
अधिकतम राशि रू. 4000 प्रति पशु |
4 |
भेड़ (मादा) |
अधिकतम राशि रू. 4000 प्रति पशु |
5 |
ऊंट (नर एवं मादा) |
अधिकतम राशि रू. 40,000 प्रति पशु |
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